राप्ती नदी के कटान से उजड़े ग्रामीणों का दर्द: बांध पर त्रिपाल तानकर गुजार रहे जिंदगी

नितिश कुमार तिवारीबदलता स्वरूप इकौना,श्रावस्ती। जनपद के इकौना तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत दहवार कला के मजरा कोटवा के निवासियों के लिए राप्ती नदी की बाढ़ और कटान ने जीवन को एक कठिन संघर्ष में बदल दिया है। पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीणों के घर एक-एक करके नदी की चपेट में आ रहे हैं। जिन लोगों ने अपने आशियानों को बड़े संघर्ष से, एक-एक ईंट जोड़कर खड़ा किया था, उनके सामने उनके घर राप्ती नदी की आगोश में समाहित हो रहे हैं। गांव के कई परिवारों के लिए यह त्रासदी किसी बुरे सपने से कम नहीं है। अपने घरों को बर्बाद होते देख ग्रामीण मजबूरी में अपने घरों को खुद ही तोड़ने पर विवश हो गए हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अब उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं बचा है। सभी कुछ कटान में चला गया है, जिससे अब यह सवाल उठता है कि वे कहां जाएंगे और कहां रहेंगे। इस अनिश्चितता के बीच, बाढ़ पीड़ित परिवार अब बांध पर त्रिपाल तानकर रहने को मजबूर हैं। इस अस्थायी आश्रय में छोटे बच्चे, बूढ़े और महिलाएं बड़ी दयनीय स्थिति में हैं। त्रासदी की यह स्थिति जहां लोगों को गहरे सदमे में डाल रही है, वहीं प्रशासन और समाज से मदद की आस लगाए ये ग्रामीण अपनी परेशानियों के समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बाढ़ के कारण उत्पन्न इस भयावह स्थिति ने लोगों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है, और वे इस कठिन समय में किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं। इस कठिन परिस्थिति में प्रशासन से ग्रामीणों को आश्रय और अन्य आवश्यक मदद की आवश्यकता है, ताकि वे इस विपत्ति से उबर सकें और अपना जीवन फिर से पटरी पर ला सकें।