बदलता स्वरूप ब्यूरो
गोंडा। ग्राम विकास विभाग में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, कम्प्यूटर आपरेटर, सहायक लेखाकार व तकनीकी सहायक भर्ती प्रक्रिया में हुई धांधली का मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया है। न्यायालय ने संज्ञान लेकर संबंधित से जवाब मांगा है। प्रकरण जनपद गोंडा से जुडा है, कोतवाली कर्नलगंज अंतर्गत ग्राम टिकवार निवासी सुधांशू कुमार गोस्वामी ने प्रमुख सचिव ग्राम विकास के साथ अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देते हुए उच्च न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया था। जिसमें कहा गया है कि वह ग्राम विकास विभाग में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी पद के लिए पूरी तरह योग्य है। मगर बिना उन्हें सूचित किए ही सक्षम अधिकारी सेवा योजना पोर्टल के माध्यम से कंप्यूटर रेंडमाइजेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा करके अपात्र अभ्यर्थियों का चयन कर रहे हैं। आरोप है कि आउटसोर्सिंग एजेंसी सद्गुरु कृपा इंटरप्राइजेज जिसका पूर्व में कोई भी मैनपॉवर सप्लाई का रिकॉर्ड नहीं है। अधिकारियों की मिली भगत से गलत तरीके से चयन कर उपभोक्ता एजेंसी को भर्ती प्रक्रिया हेतु अधिकृत किया गया है। आरोप है कि चयन के दौरान अभ्यर्थियों की लिस्ट न तो सार्वजनिक की गई और न ही कहीं प्रकाशित ही कराई गई है। जानकारी करने पर पता चला है की गुपचुप तरीके से अपने चहेतो को बुलाकर चयन कर लिया गया है। पीड़ित द्वारा कहा गया है कि शासनादेश के अनुसार रेंडम आधार पर सूची का निर्माण किया जाना है। मगर प्रक्रिया के अनुसार सक्षम अधिकारियों के मिली भगत से अयोग्य व्यक्तियों का चयन किया जा रहा है। जो भारतीय संविधान के मानकों का पूरी तरह उल्लंघन है। जिसका संज्ञान लेकर न्याय मूर्ति राजन राय व ओमप्रकाश शुक्ल की संयुक्त खंड पीठ ने प्रमुख सचिव ग्राम विकास से जवाब मांगा है। अग्रिम तिथि एक अक्टूबर को न्यायालय द्वारा अंतरिम राहत पर विचार करने को कहा गया है।