इसरार अहमद
बदलता स्वरूप श्रावस्ती। में शिक्षा विभाग ने एक रिक्शा चालक को ही फर्जी शिक्षक बताकर वेतन रिकवरी का नोटिस भेज दिया।साथ ही भुगतान न करने पर आरसी जारी कराते हुए वसूली की चेतावनी भी दी गई है।यह देख गरीब परिवार पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जानकारी के अनुसार भिनगा कोतवाली क्षेत्र के गांव गोड़पुरवा निवासी मनोहर यादव पुत्र ठाकुर प्रसाद दिल्ली में रहकर रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करता है। और परिवार के लोग गांव में ही रहते हैं। कुछ दिन पहले ही वह अपने घर आया है। शुक्रवार को गाँव के पोस्टमैन से मनोहर को एक पत्र मिला।वह अनपढ़ होने के चलते गांव के कुछ लोगों को दिखाने पर पता चला कि वह पत्र जिला बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भेजा गया है जो रिकवरी नोटिस है। इसमें उसे फर्जी शिक्षक बताकर उसकी नियुक्ति समाप्त करते हुए अब तक उसके द्वारा प्राप्त की गई धनराशि 51 लाख 63 हजार रुपये एक हफ्ते में जमा कराने को कहा गया। यह सुन गरीब युवक युवक मनोहर के होश उड़ गए। उसका कहना है कि वह एक निरक्षर व्यक्ति है और दिल्ली में रिक्शा चलाकर किसी तरह अपने परिवार का पालन- पोषण करता है।बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षक नियुक्ति के मामले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है। इसी बीच विभाग ने एक रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर उसे लाखों रुपये की रिकवरी का नोटिस थमा दिया। साथ ही पैसा भुगतान न करने पर उसे आरसी जारी कर वसूली करनेफर्जी शिक्षक बता रिक्शा चालक को भेज दिया वेतन रिकवरी का नोटिस की चेतावनी दी गई है। मनोहर को जारी की गई रिकवरी नोटिस में दावा किया गया है कि वह सुरेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र बहादुर सिंह निवासी सीहमई कारीरात तहसील अकबरपुर जनपद अम्बेडकरनगर के फर्जी नाम व पते का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन श्रावस्ती के जमुनहा ब्लाक स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय नौव्वापुरवा में सहायक शिक्षक की नौकरी कर रहा था। कूटरचित अभिलेखों का प्रयोग कर नौकरी अर्जित करने की पुष्टि होने पर 14 जुलाई वर्ष 2020 में उसकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई। साथ ही कोतवाली भिनगा में मामला दर्ज कराया गया। 11 दिसम्बर को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी की ओर से नोटिस जारी कर कथितरूप से बेसिक शिक्षा विभाग से फर्जी तरीके से नौकरी करते हुए प्राप्त की गई 51 लाख 63 हजार 53 रुपये एक सप्ताह में कोषागार में जमा कराने का निर्देश दिया गया। भुगतान न करने पर भू-राजस्व वसूली की तरह कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई।नोटिस मिलने के बाद पीड़ित और उसके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। पीड़ित का कहना है कि वह पढ़ा लिखा नहीं है. परिवार के भरण पोषण के लिए वह रिक्शा चलाता है।जबकि बीएसए अजय कुमार का कहना है कि नोटिस मेरे कार्यालय से ही जारी हुई है। यदि उसे कुछ तथ्य सामने रखना है तो साक्ष्य सहित कार्यालय आकर अपनी बात कह सकता है।
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