बदलता स्वरूप खगड़िया। कथावाचक देवकीनंदन के आह्वान पर दिल्ली में हुए “सनातन बोर्ड” के गठन को लेकर आहूत धर्म संसद में लिए गए निर्णय का अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के संस्थापक महर्षि अरविन्द और विंध्याचल (यूपी) के अघोर राजतंत्र के संस्थापक गुरु अलख ने समर्थन किया। धर्म संसद में उठाए गए विभिन्न मुद्दों से केन्द्र के सदस्यों को अवगत कराया गया। महर्षि अरविन्द ने कहा सनातन बोर्ड के गठन से सनातनियों की गुरुकुल परंपराएं पुनर्जीवित होगी और धर्म परिवर्तन रुकेगा। सनातनियों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी “सनातन बोर्ड” । मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने धर्म संसद में आए लोगों से कहा कबतक साधु, संत आपको जगाते रहेंगे ? अनेक संतों के विचार से भी सदस्य अवगत हुए।
