मानवाधिकार फ़ोरम ने ट्रेनों में अनियंत्रित भीड़ को लेकर मंत्रालय को लिखा पत्र*चार महीने पहले ही सभी ट्रेनें फुल, अनियंत्रित भीड़ से जान-माल को खतरा

*बदलता स्वरूप नई दिल्ली। हमारे देश के पूर्व क्षेत्र में छठ का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के लिए प्रदेश से बाहर रहने वाले लोग अपने घरों के लिए जरुर जाते हैं। ऐसे में ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ टूट पड़ती है। छठ पर्व में अभी चार महीने का वक्त बाकी है, लेकिन पूर्व के क्षेत्रों में जाने वाली सभी ट्रेनों का एडवांस बुकिंग हो चुकी है और वेटिंग लिस्ट में टिकट मिलना भी बंद हो गया है। सूत्रों का कहना है कि छठ के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए जल्द ही विशेष ट्रेनों की योजना तैयार की जाएगी, लेकिन विशेष ट्रेनों में भी यही हाल रहती है और टिकट मिल भी जाए तो गाड़ियां तय समय से काफी विलम्ब रहती या ट्रेने रद्द कर दी जाती है। इस संवेदनशील मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार एक्शन फ़ोरम के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व समाजसेवी ईं आरके जायसवाल ने रेल मंत्री, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व सांसद जनप्रतिनिधियों को एक आग्रह पत्र लिखकर ध्यानाकर्षित कराते हुए कहा है कि इस रूट की सभी ट्रेनें फुल हो गई हैं और अब सीटों के आरक्षण को लेकर रेलवे खेद प्रकट कर रहा है। ज्ञातव्य हो कि कुछ साल पूर्व स्टेशनों पर अनियंत्रित भीड़ की बजह से कई बार जान माल की नुकसान भी हो चुकी है और अब यह ज्यादा संवेदनशील दिखाई दे रहा है। गौरतलब हो कि इस रूट में सभी ट्रेनों में भीड़ पूरे साल बना रहता है जिससे टिकट नहीं मिलता है, साल के किसी भी समय में महीनों पहले सभी ट्रेनें फुल होती है और कभी कन्फर्म टिकट मिल जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि हम कोई परिक्षा पास कर गए। पत्र में कहा गया है कि मामले को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए इस विषय पर चिंतन कर जल्द से जल्द आवश्यक निर्देश दिया जाएं ताकि इस रूट पर यात्रा में कठिनाई न हो और जान-माल की रक्षा भी हो सके। साथ ही पत्र में यह ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा है कि सुचारू रूप से अधिक से अधिक ट्रेनों की संचालन से देश के राजस्व वृद्धि में भी काफी इजाफा होगा। इन सभी बातों व अनियंत्रित भीड़ को ध्यान में रखते हुए इस सभी रूटों पर आधारभूत संरचना के साथ-साथ स्थायी नई ट्रेनों को चलाने की मांग की गई है।