महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या । प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन के भव्य माधव भवन में श्री सहज नाथ सेवा समिति दौसा राजस्थान से पधारे भक्तों द्वारा आयोजित श्री मद्भागवत कथा श्रवण कराते हुए स्वामी श्री धराचार्य महाराज ने कहा राजेंद्र परीक्षित जी जैसे उत्तम श्रोता के लिए स्वयं सुखदेव जी महाराज सभा में उपस्थित होकर राजेंद्र परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कराते हैं यह वही कथा है जिसका श्रवण करके राजेंद्र परीक्षित का उद्धार हुआ था कथा का विस्तार करते हुए महाराज श्री ने भक्त ध्रुव की कथा का श्रवण कराया ध्रुव के जैसी अनन्य भगति साधक के अंदर व्याप्त हो जाए हैं तू करुणा सिंधु दया सिंधु भगवान अपने भक्त को दर्शन देने एवं दुष्टों के संघार हेतु धर्म की रक्षा के लिए प्रभु इस संसार में आते हैं 5 वर्ष के अबोध बालक ध्रुव मां सुरुचि से अपमानित होकर वन में गए देव ऋषि नारद से नवधा भक्ति का ज्ञान प्राप्त किया मंत्र दीक्षा ली और तपस्या करने लगे ध्रुव की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भक्त ध्रुव को दर्शन देने पृथ्वी पर आते हैं भगवान का दर्शन पाने के बाद जिस माता ने पिता की गोद में बैठने पर ध्रुव को फटकार लगाई उठाकर के महल से बाहर किया लौट कर आने पर उसी मां ने भक्त ध्रुव की आरती करके तिलक लगाकर राज्य सिंहासन पर बिठाती है भगवान श्री हरि का सामीप्य पाकर साधक संसार के सभी सुख प्राप्त कर लेता है इस घोर कलयुग में मुक्ति पाने के लिए श्रीमद् भागवत कथा ही उत्तम साधन है राजस्थान से पधारे हुए भक्तजन कथा का श्रवण कर के आनंदित हो रहे कथा का समय शाम 4 से 7 बजे तक है भागवत रसिक भक्तजन कथा में पधार कर अपने जीवन को धन्य करें।
