दोहरी हत्याकांड की नहीं सुलझी गुत्थी

राजेश सिंह बदलता स्वरूप गोंडा। दोहरे हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस के हाथ अभी खाली हैं, पुलिसिया कार्रवाई से मृतक के परिवारजनों में असंतोष है। मामले के खुलासे के लिए कई सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई संदिग्धों को उठाकर पुलिस जानकारी करने में जुटी हुई है लेकिन अभी पुलिस के हाथ खाली हैं। बताते चले कि जहां एक तरफ 25 अक्टूबर की रात 3 बजे भट्ठा परेड गांव निवासी विजय कुमार पांडे पुत्र रामकुमार पांडे किसी का फोन आने पर भतीजे दीपक पांडे के साथ घर से बाहर निकले थे और सुबह 7 बजे विजय कुमार पांडे उर्फ बब्बन पांडे का चाकुओं से गोदा शव मेडिकल कॉलेज के पीछे गांव के किनारे झाड़ियां में पड़ा मिला और लोगों का शक भतीजे दीपक पांडे के ऊपर हो गया। जिनकी तहरीर पुलिस प्रशासन ने मृतक के पिता से ले ली लेकिन कुछ देर के बाद परिवार वालों को सूचना मिली कि दीपक पांडे का शव छत-विक्षत अवस्था में कटरा बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत छिटनापुर गांव के निकट रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ है। पुलिस ने दोनों शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया था और दीपक पांडे का अंतिम संस्कार अयोध्या में शांतिपूर्ण ढंग से कर दिया गया लेकिन विजय पांडे का अंतिम संस्कार क्षेत्राधिकार सदर के अथक प्रयास एवं परिवार को समझाने बुझाने के बाद किया गया। विजय को मुखाग्नि उनके पिता रामकुमार पांडे ने दी, वैसे तो पुलिस कप्तान ने घटना के खुलासे के लिए लगभग 300 सीसी टीवी कैमरा को खंगाला है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई संदिग्धों को उठाकर पुलिस पूछताछ कर रही है लेकिन अभी पुलिस के हाथ खाली है, यही नहीं घटना के खुलासे के लिए पुलिस कप्तान ने पांच टीमों का गठन किया है और जल्द ही घटना का पर्दाफाश करने के लिए कहा है लेकिन अभी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है वही पुलिसिया कार्रवाई से परिवारीजनों में असंतोष व्याप्त है और और गांव वाले दहशत में है परिवार वालों का कहना है कि अगर दीपक पांडे ने विजय पांडे की हत्या की होती तो यहां से 15 किलोमीटर दूर छिटनापुर जाने की उसे क्या आवश्यकता थी, अगर उसे आत्महत्या ही करनी होती तो कचहरी रेलवे स्टेशन नजदीक था परिवार वालों का कहना है की दोनों के बीच में बहुत ही मधुर संबंध थे और कभी किसी के बीच कोई झगड़ा या ऐसी बात नहीं हुई थी, जिससे दीपक पर शंका की जा सके और न ही इन दोनों का किसी से बात भी हुआ था या किसी से दुश्मनी थी इन दोनों की हत्या की गई है लेकिन यह हत्या किसने की किसलिए की है यह हम लोगों के समझ से परे है। मृतक के परिवार वालों को सांत्वना देने के लिए जिले के माननीय एवं स्थानीय नेताओं का आना जाना जारी है। जिस गांव की यह घटना है वह मौजा बलरामपुर के सदर विधायक एवं पूर्व मंत्री पलटू राम जी का भी है इसलिए यह घटना पुलिस प्रशासन के लिए गले की फांस बन गई है।