बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में ’’खरीफ उत्पादकता गोष्ठी’’ का शुभारम्भ किया। जिसका शुभारम्भ मुख्य विकास अधिकारी एवं मा0 विधायक श्रावस्ती के प्रतिनिधि अवधेश कुमार पाण्डेय ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। जनपद स्तरीय गोष्ठी में कृषको को मिलेट्स, लेमनग्रास एवं खस उत्पादन की तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा मृदा स्वास्थ्य एवं पोषक तत्व प्रबन्धन एवं प्राकृतिक खेती एवं बीज उत्पादन के बारे में भी बताया गया।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था किसानों के वजह से ही चल रही है, सरकार किसानों के उत्थान के लिए निरन्तर तमाम योजनाओं का संचालन कर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। किसानों को अपनी परम्परागत खेती त्याग कर दलहन, तिलहन खेती की ओर आगे बढ़ना होगा। आधुनिक एवं वैज्ञानिक विधि से खेती पर विशेष बल दें, ताकि किसान भाई अपने खेतों में अधिक अन्न का उत्पादन कर आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें। उन्होने कहा कि जनपद में श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादन की अपार संभावनाएं है। कृषक बन्धु श्री अन्न का उत्पादन कर जनपद को कृषि क्षेत्र में नये आयाम प्राप्त कराने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते है। उन्होने बताया कि वर्तमान समय में बाढ़ से प्रभावित फसलों का आकलन कराया जा रहा है, किसानों के फसलों की क्षति के आकलन के आधार पर उनकी क्षतिपूर्ति की जाएगी। विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि देश एवं प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में तमाम योजनाऐं चलाई जा रही है। किसान भाई सरकार की योजनाओं से लाभ उठावें और उन्नतशील खेती करके वे अपने खेतों में बेहतर उत्पादन करें, जिससे उनकी आमदनी भी बढे और आर्थिक रुप से भी वे समृद्ध बनें। और अपनी खेती में अधिक से अधिक मिलेट्स की फसलों को सम्मिलित करें। उप कृषि निदेशक सुरेन्द्र कुमार चौधरी द्वारा खरीफ मौसम के वर्तमान में क्रियाकलापों एवं उत्पादकता बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा करते हुए बताया कि जनपद में विभिन्न फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। किसान भाई राजकीय कृषि बीज भण्डार से खरीदकर इनकी बुआई कर सकते है। उन्होने बताया कि सभी उन्नतिशील बीजों पर अनुदान भी देय है। जनपद में श्री अन्न की खेती के लिये गोष्ठी आदि के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है साथ ही किसानों को निःशुल्क मिनीकिट उपलब्ध कराए जा रहे हैं और उनकी बुआई करा कर जनपद में श्री अन्न के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।जिला कृषि अधिकारी अनिल प्रसाद मिश्रा ने कहा कि किसान बन्धुओं को कम पानी वाली फसलें एवं अधिक पोषण देने वाली फसलों को बढ़ावा दिया जाय। अधिक उत्पादन वाली उन्नतशील नई प्रजातियों को विशेष बढ़ावा दिया जाए। संतुलित उर्वरकों की प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु नत्रजन, फास्फेटिक एवं पोटेंशिक उर्वरकों के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों के उपयोग को प्रयोग पर बल दिया जा रहा है। किसान भाई रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग के साथ-साथ हरी खाद कंपोस्ट वर्मी कंपोस्ट वेस्ट डीकंपोजर का प्रयोग करें, जिससे पर्यावरण को भी संतुलित रखा जा सके। खरीफ गोष्ठी में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा0 रोहित कुमार पाण्डेय, डा0 राम भरोसे सहित अन्य सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों ने अपनी-अपनी विभागीय योजनाओं पर प्रकाश डाला। गोष्ठी में किसान बन्धुओं को मुख्य विकास अधिकारी एवं विधायक प्रतिनिधि द्वारा विभिन्न प्रकार की फसलों के बीज, मिनीकिट आदि का वितरण किया गया। इस अवसर पर सहायक निदेशक मत्स्य सुरेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 मानव, अधिशासी अभियंता विद्युत दिलीप कुमार, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धन सहकारिता, सहायक अभियंता लघु सिंचाई सौरभ यादव सहित समस्त खण्ड विकास अधिकारीगण, गोष्ठी से सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं भारी संख्या में किसान बन्धु उपस्थित रहे।
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