बदलता स्वरूप अयोध्या। अयोध्या धाम में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय नेपाली-गोरखा सम्मेलन की शुरुआत हो गई है। इस सम्मेलन में भारत के विभिन्न राज्यों और नेपाल से लगभग 500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिनमें करीब 50% महिलाएं हैं। प्रतिनिधियों में नेपाल के विभिन्न उपजातियों के लोग, जैसे राई, तामंग, गुरूङ, मगर, ब्राह्मण, छेत्री, शेर्पा, तमू, लेप्चा आदि शामिल हैं। सम्मेलन में अयोध्या धाम की परिक्रमा के बाद श्रीराम मन्दिर में दर्शन किए गए। सम्मेलन के उद्घाटन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की गई और बांग्लादेश सरकार से हमलावर जेहादियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। सम्मेलन के उद्घाटन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ अधिकारी इन्द्रेश कुमार, परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष अशोक चौरसिया, बडाभक्तमाल के महंत श्री अवधेश दास और कई अन्य प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही। सम्मेलन 15 दिसम्बर को समाप्त होगा, और इसमें भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी।
