एसएसबी ने शताब्दी महोत्सव में शहीद स्मृति वाटिका की स्थापना कर रोपे पौधे

नितिश कुमार तिवारीबदलता स्वरूप श्रावस्ती। मुख्य अतिथि राम फेरन पाण्डेय विधायक श्रावस्ती के साथ दद्दन मिश्रा जिला पंचायत अध्यक्ष, अजय कुमार द्विवेदी जिलाधिकारी श्रावस्ती, निरुपेश कुमार उप कमान्डेंट एवं धर्मेन्द्र नाथ सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी श्रावस्ती की उपस्थिति में काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर स्पोर्ट्स स्टेडियम भिनगा के नजदीक वन विभाग के तत्वाधान में शहीद स्मृति वाटिका की स्थापना की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान और भावी पीढ़ियों को काकोरी के वीरों और स्वतंत्रता सेनानियों की शौर्यगाथा से प्रेरित करने तथा इन महानवीरों को नमन करना था। इस अवसर पर राम फेरन पाण्डेय विधायक श्रावस्ती के द्वारा शहीद स्मृति वाटिका का स्थापना किया गया और उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों संग विभिन्न प्रकार के फलदार, छायादार और औषधीय पौधे लगाये, ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ शहीदों की स्मृति को भी जीवित रखा जा सके और सभी ने काकोरी ट्रेन एक्शन के वीर सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के दौरान विधायक श्रावस्ती ने काकोरी ट्रेन एक्शन की ऐतिहासिक घटना की याद दिलाते हुए बताया कि काकोरी ट्रैन एक्शन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारियों द्वारा भारत में स्थापित ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध छेड़ने की ईच्छा से हथियार खरीदने के लिये ब्रिटिश सरकार का ही खजाना लूट लेने की एक ऐतिहासिक घटना थी जो 9 अगस्त 1925 को घटी, जिसे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के केवल दस सदस्यों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया था। क्रान्तिकारियों द्वारा चलाए जा रहे स्वतन्त्रता के आन्दोलन को गति देने के लिये धन की तत्काल व्यवस्था की जरूरत से शाहजहाँपुर में हुई। बैठक के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। इस योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने 9 अगस्त 1925  को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन को चेन खींच कर रोका और क्रान्तिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, चन्द्रशेखर आज़ाद व 6 अन्य सहयोगियों की सहायता से समूची ट्रेन पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया। बाद में अंग्रेजी सत्ता उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल 40 क्रान्तिकारियों पर ब्रिटिश सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व यात्रियों की हत्या करने का प्रकरण चलाया। जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड सजा सुनायी गयी थी। इस प्रकरण में 16 अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम 4 वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी आजीवन कारावास तक का दण्ड दिया गया। आगे उन्होंने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन के वीरों का बलिदान हमेशा हमारे दिलों में अमर रहेगा और इस तरह के आयोजन हमें उनकी याद दिलाते रहेंगे। जो कि वर्तमान व् आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत रहेगी। इस मौके पर एस.एस.बी., जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारी एवं अन्य कार्मिक सहित स्कूल के छात्र एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।