स्वामी रामप्रियाचार्य मानस केसरी महाराज काे संताें ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

बदलता स्वरूप अयोध्या। रामनगरी की प्रसिद्ध पीठ श्रीरघुनाथ सत्संग भवन रायगंज के पूर्वाचार्य स्वामी रामप्रियाचार्य मानस केसरी महाराज काे संताें ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अवसर उनकी 44वीं पुण्यतिथि महाेत्सव का था। जाे मंगलवार को आश्रम परिसर में कनक बिहारी मंदिर जयपुर राजस्थान के श्रीमहंत सियाराम दास एवं रामजानकी मंदिर रूपईडीहा बहराइच के श्रीमहंत भगवान दास महाराज की सानिध्यता में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। संताें ने मंदिर प्रांगण में स्थापित साकेतवासी महंत के विग्रह पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। उनके कृतित्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। श्रीरघुनाथ सत्संग भवन के वर्तमान पीठाधिपति श्रीमहंत मनमोहन दास महाराज ने कहा कि उनके गुरूदेव विलक्षण के धनी संत थे। जिनका व्यक्तित्व बड़ा ही उदार रहा। वह भजनानंदी संत रहे। साधुता ताे उनमें देखते ही झलकती थी। गुरूदेव उच्चकाेटि के विद्वान थे। जाे मानस केसरी की उपाधि से अलंकृत रहे। वह गाै एवं संत सेवी थे। उन्होंने सेवा काे ही अपना धर्म माना। सदैव सेवा ही परमाेधर्मा के मार्ग पर चलते रहे। अपने शिष्य-परिकर, अनुयायियों को भी इसी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। मठ के वर्तमान पीठाधीश्वर द्वारा आए हुए संत-महंताें, विशिष्टजनाें का स्वागत-सम्मान किया गया। काफी संख्या में संताें और भक्तजनों ने प्रसाद पाया। पुण्यतिथि पर पूर्वाचार्य काे श्रद्धासुमन अर्पित करने वालाें में महंत परमहंस वैष्णव दास, महंत अवधकिशाेर शरण, महंत रामकुमार दास, महंत पवनकुमार दास, महंत रामअवध दास, महंत रामकृष्ण दास रामायणी, महंत रामशरण दास रामायणी, महंत रामअवतार दास रामायणी, महंत रामलाेचन शरण, महंत सीताराम दास महात्यागी, महंत माधवदास रामायणी, महंत विनाेद दास, महंत राममिलन दास, महंत रामदास, आचार्य सत्येंद्र दास वेदांती, महंत प्रियाप्रीतम शरण, महंत भरत दास, महंत तुलसीदास, महंत भगवान शरण, महंत उत्तम दास, महंत शिवराम दास, विद्याभूषण शरण, संतदास आदि रहे।