हिमांशु गुप्ता
बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जनपद मे सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को दी जाने वाली दवाएं एक निजी मेडिकल स्टोर पर दिखाई दी। जिसका वीडियो किसी ने बनाकर वायरल कर दिया। जिससे स्वास्थ्य महकमे मे हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार जिले के इंडो नेपाल बॉर्डर से सटे जमुनहा बाजार मे स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर संचालित निजी मेडिकल स्टोर पर सरकारी दवाओं की भरमार का वीडियो सोशल मीडिया मे वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमुनहा से चंद दूरी पर यह मेडिकल स्टोर संचालित है जहाँ पर दवाओ की बिक्री के साथ ही आने वाले मरीजों का इलाज भी किया जाता है, जिसमे सरकारी दवाएं प्रयोग की जाती है, जिसकी बानगी मेडिकल के पीछे बने रूम मे सरकारी दवाओं के भरमार की वायरल वीडियो मे साफ-साफ दिखाई पड़ता है। यही नहीं इस वायरल वीडियो मे दुकानदार से दवा किससे मिली इसकी पूछताछ भी की जा रही है। हालांकि बदलता स्वरूप समाचार पत्र इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
वहीं सूत्रो की माने तो वायरल वीडियो मे जिससे पूछताछ की जा रही है उसका नाम रघुराज वर्मा है। जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमुनहा से चंद दूरी पर मेडिकल स्टोर का संचालन करते हुए मेडिकल के पीछे कमरे मे मरीजों का इलाज भी करता है। जिसमे सरकारी दवाएं बराबर प्रयोग की जाती है। वहीं इसी मेडिकल संचालक के निजी आवास लालबोझा गाँव मे भी एक मेडिकल नुमा अवैध क्लीनिक संचालित है। जहाँ पर आने वाले मरीजों का इलाज इनके ही देखरेख मे ही सरकारी दवाओं का प्रयोग कोई और करता है। फिलहाल इसका वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र मे हड़कंप मचा हुआ। इस संबंध मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी सर्वप्रथम अपने महकमे का बचाव करते हुए नजर आये उनका कहना था कि वायरल वीडियो को संज्ञान लेकर एक टीम बनाई गयी है जो बारीकी से जाँच करेगी। इसकी जानकारी औषधि निरीक्षक को भी दे दी गयी है। और जो दवाएं वायरल वीडियो मे दिखाई दे रही है वह उनके जिले के किसी भी सरकारी हॉस्पिटल की नहीं है।क्योंकि जो भी हॉस्पिटल सरकारी दवाओं को रिसीव करता है उसपर उस अस्पताल की मुहर लगती है। जबकि जानकारों का मानना है कि सरकारी अस्पताल के ही कुछ कर्मचारी दुकानदारों से मिलीभगत कर दवाएं बेच रहे है और अब मामला सामने आते ही स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी बचाव मे जुट गए है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी मात्रा मे सरकारी दवाएं मेडिकल संचालक के पास आयी कैसे, और मामला सामने आने के दिन स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी मीडिया के सामने आने से कतराते क्यों रहे।