तालाब के किनारे महिलाओं ने किया मन चिंता पूजन

नितिश कुमार तिवारी

बदलता स्वरूप जमुनहा,श्रावस्ती। जनपद में ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों की महिलाओं व बालिकाओं ने भाई-बहन के अनमोल रिश्ते को मजबूत करने और अपने भाइयों की सुख-समृद्धि के लिए मन चिंता पूजन किया। इस पवित्र अवसर पर महिलाओं ने सुबह से ही व्रत रखकर तालाब और नहर के किनारे एकत्रित होकर सामूहिक पूजन किया। पूजन की तैयारियों में महिलाओं का विशेष उत्साह देखने को मिला, जो भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों की एक झलक प्रस्तुत करता है। इस अवसर पर महिलाएं सुबह से ही तालाब के तट पर पहुंचीं, जहां उन्होंने मिलकर तालाब या नहर से मिट्टी निकालकर बेदी बनाई। इस बेदी पर परंपरागत रीति से पूजा की गई। पूजन की इस पावन प्रक्रिया में मिट्टी का विशेष महत्व होता है, और इसे भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान महिलाओं ने विशेष मंत्रों का उच्चारण किया और अपने भाइयों के लिए लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना की। पूजन में शामिल एक महिला ने बताया कि हम हर साल मन चिंता पूजन करते हैं। यह हमारे लिए बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह पूजन हमारे भाइयों की सुरक्षा और उनकी लंबी उम्र की कामना के लिए होता है। इस दिन हम अपनी परंपराओं का पूरी निष्ठा के साथ पालन करते हैं और एक साथ मिलकर पूजन करते हैं। पूजा के दौरान ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने अपनी मां और बड़ी बहनों का साथ देते हुए इस परंपरा को निभाने में सहयोग दिया। महिलाओं ने मिट्टी से बने बेदी पर फूल, चावल, धूप और दीप प्रज्वलित किए और भाइयों के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस विशेष आयोजन के दौरान महिलाओं ने आपस में पारंपरिक गीत भी गाए और भाई-बहन के रिश्ते को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। एक स्थानीय किशोरी ने कहा कि हम इस पूजा में हर साल हिस्सा लेते हैं। यह पूजा हमें भाई-बहन के रिश्ते के महत्व को सिखाती है और हमारे बीच के प्यार को और मजबूत बनाती है। इस दिन का हमें बेसब्री से इंतजार रहता है। पूजन की समाप्ति के बाद महिलाओं ने तालाब के पानी में अर्पण किए गए फूल और अन्य सामग्री बहाकर पूजन को संपन्न किया। इसके बाद सभी ने मिलकर प्रसाद का वितरण किया और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।